हरित भविष्य की शुरुआत: अडानी का हाइड्रोजन ट्रक रायगढ़ से रवाना

रायपुर । भारत में ऊर्जा और खनन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए अडानी ग्रुप ने दुनिया के पहले हाइड्रोजन ईंधन सेल इलेक्ट्रिक टिप ट्रेलर पेश करने जा रही है। यह न केवल खनन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में क्रांति लाने वाला कदम है, बल्कि भारत के 2070 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है।
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क्यों खास है यह ट्रक?
अडानी ग्रुप का यह नया ट्रक लगभग 55 टन तक वजनी होगा, जिसमें तीन हाइड्रोजन टैंक लगे होंगे। यह एक बार ईंधन भरने पर लगभग 200 किलोमीटर तक चल सकेगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केवल जल वाष्प छोड़ता है और किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं करता। यह डीज़ल जैसे पारंपरिक ईंधनों का स्वच्छ विकल्प साबित होने वाला है।
इनकी साझेदारी से बना है यह ट्रक?
यह परियोजना अडानी ग्रुप के Adani Natural Resources (ANR) डिवीजन, वाहन निर्माता अशोक लेलैंड और हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी में अग्रणी Ballard Power Systems के साथ मिलकर चलाई जा रही है। ट्रक का निर्माण अशोक लेलैंड ने किया है, जिसमें बैलार्ड की ईंधन सेल तकनीक लगाई गई है। हाइड्रोजन की आपूर्ति और ईंधन ढांचा Adani New Industries Limited (ANIL) द्वारा तैयार किया जा रहा है।
पायलट प्रोजेक्ट रायगढ़ में
इस ट्रक का पहला परीक्षण छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के GP-III कोल ब्लॉक में होगा। इस क्षेत्र में यह ट्रक कोयला परिवहन के लिए प्रयोग किया जाएगा। इसका शुभारंभ 10 मई को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सुबह 10:30 बजे करेंगे। हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
भारत के लिए क्यों है यह जरूरी?
भारत हर साल 260 अरब डॉलर से अधिक की ऊर्जा का आयात करता है। कोयला, कच्चा तेल, और गैस जैसे पारंपरिक ईंधन देश पर बोझ बनते जा रहे हैं। दूसरी ओर, भारत की ऊर्जा खपत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में हरित और स्वदेशी विकल्पों की जरूरत है। अडानी ग्रुप की यह पहल इस दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।
हाइड्रोजन तकनीक के फायदे
शून्य प्रदूषण : यह तकनीक केवल जल वाष्प छोड़ती है, कोई हानिकारक गैस नहीं।
कम ध्वनि प्रदूषण : हाइड्रोजन वाहनों का संचालन बहुत शांत होता है।
तेज़ ईंधन भरना और लंबी दूरी : यह लॉजिस्टिक्स के लिए बेहद उपयुक्त है।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता : हाइड्रोजन को भारत में नवीकरणीय स्रोतों से तैयार किया जा सकता है।
हरित खनन और परिवहन : इससे कोयला जैसे क्षेत्रों में टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिलेगा।
भविष्य की योजना
अडानी ग्रुप अगले 10 वर्षों में हाइड्रोजन क्षेत्र में $50 बिलियन से अधिक का निवेश करने की योजना बना रहा है। इसका लक्ष्य हर साल 3 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। यह सिर्फ एक ट्रक नहीं, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत है जो भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदार बनाएगा।